18 जुलाई 2025 - 17:32
यूरोपीय देशों को ईरान की दो टूक, धमकियों के साथ वार्ता भी नही हो सकेगी 

अगर यूरोपीय देश वार्ता में भूमिका चाहते हैं, तो उन्हें अपनी पुरानी नीतियों को त्यागना होगा क्योंकि उनके पास न तो नैतिक और न ही कानूनी आधार है।

ईरान ने परमाणु मुद्दे पर वार्ता के लिए तैयारी का संकेत देते हुए कहा है कि यह वार्ता तभी होगई जब सामने वाला ईमानदारी और सच्चाई से कोई समझौता चाहे। ईरान ने परमाणु वार्ता के नए दौर की शुरुआत दूसरे पक्ष की गंभीरता, एक निष्पक्ष समझौते की तैयारी और धमकी भरी नीतियों के अंत पर निर्भर कर दी है।
विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने तीन यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों के साथ एक ऑनलाइन सम्मेलन में स्पष्ट किया कि ईरान बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन केवल तभी जब दूसरा पक्ष एक निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते के लिए तैयार हो।

अराक्ची ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अपने संदेश में कहा कि अमेरिका 2015 में यूरोपीय संघ की मध्यस्थता में दो साल की वार्ता के बाद हुए समझौते से हट गया था और इस साल जून में भी उसने बातचीत की मेज़ छोड़ दी और सैन्य रास्ता अपना लिया। ईरान ने न तो बातचीत छोड़ी और न ही युद्ध का रास्ता चुना।

उन्होंने कहा कि अगर यूरोपीय देश वार्ता में भूमिका चाहते हैं, तो उन्हें अपनी पुरानी नीतियों को त्यागना होगा क्योंकि उनके पास न तो नैतिक और न ही कानूनी आधार है।

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